बेस्ट फ्रेंड को मनाने के लिए शायरी
खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,देर हो गयी याद करने में जरूर,लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो।
साँसे थम सी गई हैं तुम्हारे जाने से,अब लौट भी आओ किसी बहाने से।
तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी,तुम्हारे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी,क्या कहे क्या गुजरेगी इस दिल पर,जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी।
नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने कीपता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की
खुद से भी कुछ खफा से लगते होइश्क मैं मुख्ताला से लगते होदर्द-ए-दिल का सबब हो तुम लेकिनदर्द-ए-दिल की दवा से लगते हो
यकीन नहीं तो आजमाके देख ले,दर्द तेरी जुदाई का है, तू पास आके देख ले,
रूठना मत कभी हमें मनाना नहीं आता ,दूर नहीं जाना हमसे , भूलाना नहीं आता ,तुम भूल जाओ हमें, तुम्हारी मर्जी,मगर हम क्या करे हमें भुलाना नहीं आता ….!!!!
कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हमसे,मिलना पड़ेगा कभी न कभी ज़रूर हमसे,नज़रें चुराने वाले ये बेरुखी है कैसी,कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हमसे।
तेरी खुशी के लिए बहुत मेहनत करते हैं हमआप हो के नाराज़ होने का कोई मौका नहीं छोड़ते
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